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Investing in a systematic manner with mutual fund is a good approach to maximize wealth.
Fixed Deposit और Mutual Funds में अंतर
निवेशक अपने रकम को सुरक्षित करने के साथ-साथ संवर्धित करने के लिए अनेक प्रकार के निवेश योजना अपनाते है. बैक या निवेश कंपनी भी कई प्रकार कि निवेश योजनाओं कि उपलब्धता प्रदान करती है. इन्ही निवेश योजनाओं में म्युचुअल फंड और फिक्स्ड डिपोसिट बहुत लोकप्रिय और सुविधाजनक निवेश युक्ति है आईये इनके निवेश विधि और विशेषताओं के बारे में कुछ जानकारी प्राप्त करें जैसे कि Mutual Fund Kya Hai और Fixed Deposit Account (FD) क्या है?
Mutual Fund Kya Hai?
म्युचुअल फंड को हिंदी में “पारस्परिक निधि” कहते है.म्युचुअल फण्ड से तात्पर्य सामूहिक निवेश से है, अर्थात निवेशकों कि एक बड़ी संख्या के द्वारा जमा राशी को मुचुअल फण्ड कहते हैं जिसे एक फंड में डाल दिया जाता है.म्युचुअल फंड को एक फंड प्रबंधक द्वारा नियंत्रित और प्रबंधित किया जाता है. इसमें निवेश करने का फायदा यह है कि निवेशक को इस बात कि चिंता करने कि जरुरत नहीं होती कि आप कब शेयर खरीदें या बेचें, क्युकी यह चिंता फण्ड प्रबंधक कि होती है.
FD क्या है?
फिक्सड डिपोसिट बैंको या फाइनेंस कंपनियों द्वारा उपलब्ध एसी निवेशी युक्ति है जिसमे हम बचत खाता कि तुलना में अधिक दर पर ब्याज प्राप्त करने के लिए पैसे को एक निश्चित अवधि के लिए जमा करते हैं. एफडी में सेविंग अकाउंट से दोगुना ब्याज मिलता है इसलिए यह छोटी या लम्बी अवधि के निवेशकों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है. अतः उपरोक्त विवरण के अनुसार जब कोई व्यक्ति किसी बैंक में किसी निश्चित धनराशी को किसी निश्चित समय के लिए जमा कर देता है तो उसे फिक्स्ड डिपोसिट कहते हैं.
FD मे कैसे निवेश करें?
एफडी में सेविंग अकाउंट से दोगुना ब्याज मिलता है इसलिए यह छोटी या लम्बी अवधि के निवेशकों के लिए बहुत अच्छा विकल्प है. FD में निवेश करने से पहले मेच्योरिटी कि अवधि के अनुसार राशी कि उपलब्धता के बारे में विचार कर लेना चाहिए क्युकी निश्चित अवधि से पहले रकम निकालने से पेनालिटी भुगतान करना पद सकता है.Fixed Deposit और Mutual Funds में अंतर? कैसे निवेश करें?
- म्युचुअल फंड में एक निवेशक जो कि बड़ा निवेश नहीं कर पाता, उस के पास छोटे छोटे यूनिट्स में निवेश करने की सुविधा है जबकि फिक्स्ड डिपोसिट में अपनी क्षमतानुसार बड़ी या छोटी रकम जमा करके बैंकों के द्वारा सुनिश्चित रकम ब्याज के रूप में प्राप्त कर सकते हैं.
- एक निवेशक जिसे बाज़ार की अधिक जानकारी नहीं है वह अपना निवेश विशेषज्ञों के हाथ में छोड़ देता है. कहाँ, कैसे और कब निवेश करना है यह विशेषज्ञों निर्धारित करते हैं जबकि फिक्स्ड डिपोसिट में निवेशक को रिटर्न परिपक्वता के बारे में सभी जानकारी पहले से उपलब्ध करवा दी जाती है.
- फिक्स्ड डिपोसिट में शेयर बाजार के ब्याज दरों के उतार-चढ़ाव का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, इसमें ब्याज दर का प्रतिशत निश्चित अवधि के लिए निश्चित हो जाता है. जबकि म्युचुअल फंड में शेयर बाजार में उतार चढाव का यूनिट वितरण में प्रभाव पड़ता है.
- सेवान्रिवित लोग जिन्हें रोज़ के खर्चों के लिए राशी कि आवश्यकता होती है उनके लिए फिक्स्ड डिपोसिट बेहतरीन विकल्प है क्युकी इस निवेश में महीने के महीने ब्याज निकाला जा सकता है जबकि म्युचुअल फंड में एक निश्चित अवधि के लिए निवेश करना पड़ता है. परन्तु म्युचुअल फंड में बड़े लाभ प्राप्त होते है.
- म्युचुअल फण्ड लोकप्रिय और आसानी से समझ आने वाला निवेश है. इसे निवेशक जिनके पास शेयर मार्केट कि जानकारी और समय कि कमी है वो छोटा निवेश भी कर सकते हैं.
- फिक्स्ड डिपोसिट में जमा राशी पर कम रिस्क और सरल रिटर्न रहता है अर्थात यह सुरक्षित इन्वेस्टमेंट है वहीँ म्युचुअल फंड में शेयर को लेकर निवेश कुछ रिस्की हो सकता है.
- उपरोक्त विवरण के आधार पर कहा जा सकता है कि जरुरत, परिस्थति और राशी उपलब्धता के आधार पर म्युचुअल फंड और फिक्स्ड डिपोसिट दोनों निवेशी साधन लोकप्रिय और बेहतरीन है.
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